
Secretary Message
जीवन-विकास के लिए संघर्ष
समस्याओं से भाग कर,
तुम समस्याओं से छोटे रह जाओगे,
उनसे लड़कर उठो उनको सीढ़िया बनाओं,
जिनको तुमने पत्थर समझा है मार्ग का,
वे पत्थर ही है ऐसा मत समझों,
वे सीढ़ियां भी बन सकते हैं, उन पर पैर रखो और
तुम ऊँचाई पर पहुँच जाओगे।
-एक विचार
जीवन मजेदार है, खूबसूरत है, संघर्षमयी है। संघर्ष जो हम है, मानसिक तौर पर और जो हम हो सकते हैं, आत्मिक तौर पर, तक की यात्रा है। प्रत्येक अगली सीढ़ी के लिए संघर्ष, साहस पाने के लिए संघर्ष, फिर संघर्ष से उत्पन्न होता हुआ ध्यान। एक दिन यात्रा तय होनी नियति है, जो चल पड़ा पहुंचेगा अवश्य । आवष्यकता है अपने आप को खो देने की, जीवन के अथाह सागर में छोड़ देने की। केवल तब जान सकते हैं – आनन्द क्या है, आनन्द कहाँ है।
आज के निरन्तर संघर्षमयी युग में, प्यारे विद्यार्थीयों को ये सन्देश देकर मैं अपने आप को हल्का महसुस कर सकता हूँ। एक शिक्षक शिक्षा के साथ-साथ जो अमुल्य उपहार अपने विद्यार्थीयों को दे सकता है वो है उत्साह। मुझे आशा है विद्यार्थी मेरी बात से अपने आपको उत्साहित कर पायेंगें व जीवन की उस दिशा में अग्रसर रहेंगें जहां जाने के लिए वे संकल्परत हैं।
स. गुरमुख सिंह ढ़िल्लों
सचिव